चारण देविया

सेणी जी लालस जाति की चारणी गुजरात की काछेला वेदा जी की पुत्री थी ! अपनी बाल्य अवस्था मे हिमालय जाकर अपना लोकिक शरीर त्याग दिया था ! वीझानंद जो भाचलिये शाखा के चारण थे उक्त शक्ति से ब्याह करना चाहते थे ! लेकिन वचनानुसार समय पर नही पहुच पाये , शक्ति ने अपना शरीर त्याग दिया था ! माताजी का ग्राम जुढीया , जिला जोधपुर मे भव्य मन्दिर हे !

इन्द्र माता : इन्द्र नामक शक्ति का जन्म जिला नागौर खुड़द नामक ग्राम मे सागर दानजी रतनु के यहाँ हुवा था ! साक्षात आवडा देवी का अवतार थी ! मरदाना पोशाक मे रहती थी !वर्तमान मे उक्त देवी का अवतार जोधपुर जिले मे जुढीया ग्राम मे सुवा नामक शक्ति साकार रूप मरदाना वेश मे विराजमान हे ! इनके पिता का नाम किशन दान लालस था !इस कलिकाल मे मैया के बड़े चमत्कार हे !

सती माता चंदू : आप मांडवा ग्राम के उदे जी सिन्ढायच की पुत्री थी , आपका ससुराल दासोडी था ! आपने पोखरण ठाकुर सलाम सिंह के अन्याय करने के कारण भरी जमर किया था ! मैया के अनेक चमत्कार हे !

शीलो सती : आपका पियर कोडा ग्राम था ! ठकर दान रतनु की पुत्री थी , ससुराल झणकली ग्राम मे था ! पति का नाम जोगराज जी बिठू था ! खोखर राजपूतो उनके हिमायती जैसलमेर राजा पर जमर किया था ! माड़ खावड़ के ग्रामो मे आपके विशेष चमत्कार हे ! इसी ग्राम मे देमो नामक सती ने गुडा राणा के अन्याय के कारण जमर किया था ! यह ग्राम तो सतियों का गढ़ हे !!

जामो सती जी :- जामो सती जी जो हड़वेचा ग्राम के सुंदर दान चारण की पुत्री थी , आपका ब्याह मिठ्डीये सिंध प्रदेश मे हुवा था , पति का नाम अमरदान देथा था ! आपने रिंध नामक सकल जाति के असुरो को जमर करके ख़त्म किया था ! हरिसिंह को अमर कोट का शाशक होने का वरदान दिया था !!

हरिया सती : आपका पियर मीठन ग्राम ससुराल वाडखा जिला सिरोही मे था , पिता का नाम वखत दान पति का नाम दानजी था , उन्हें हिरणी ठाकुर के आदमियों ने ख़त्म किया था , इस बात का पता अठारह दिन बाद सती को चला , तब अपने पति का वेर लेने की उदेश्य से जमर किया , सावल जाति मे महँ सती कहलाई ! आपके बड़े चमत्कार हे !!

शायर बाई का जन्म जयपुर जिला दाता मे रतनु जी किनिये के यहाँ हुवा था !

संमध कंवर जो पोकरण के पास बारहट का गाव , रतनु नाला शाखा मे मुरा दानजी के यहाँ अवतार धारण किया !

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